नर्सरी और केजी कक्षाओं के लिये लेनी होती है हर साल अलग से अनुमति, अब प्ले स्कूलों पर गिर सकती है गाज
सत्यखबर सिवानी मण्डी (सुरेन्द्र गिल) -हरियाणा मे चल रहे गैर मान्यता और अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के बाद अब नियमों को ताक पर रखकर चल रहे प्ले स्कूलों पर भी गाज गिर सकती है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि शिक्षा विभाग की नाक के नीचे प्रदेशभर में चल रहे करीब 7700 निजी स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर नर्सरी और केजी कक्षाओं का संचालन हो रहा है, जबकि शिक्षा विभाग की नियमावली 2003 व संशोधित नियमावली 2009 के तहत कोई भी मान्यताप्राप्त निजी स्कूल कक्षा पहली से बारहवीं तक की कक्षाओं का ही संचालन कर सकता है।
जबकि इन स्कूलों में धड़ल्ले से नर्सरी और केजी कक्षाओं के नाम पर अभिभावकों से करोड़ों की लूट हो रही हैं वहीं प्रदेश सरकार को भी मोटा चूना लग रहा है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक से मांगी गई आरटीआई के जवाब के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि प्रदेशभर में सिर्फ भिवानी में एक ही प्ले स्कूल ने मान्यता ली हैं, जबकि किसी भी जिले में किसी ने प्ले स्कूल की कोई मान्यता नहीं ली हुई, जबकि इन जिलों में अब भी हजारों स्कूल धड़ल्ले से नर्सरी और केजी कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं, वहीं गली मोहल्लों में प्ले स्कूल खुले हुए हैं।
गत दिनों हरियाणा के सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर अहम पत्र जारी कर जिला उपायुक्तों व जिला शिक्षा अधिकारियों को निरीक्षण के आदेश दिए थे, मगर आज तक सभी जिलों में जिला प्रशासन या शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई तक नहीं की। इस मामले में अब जल्द ही हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका डालने की तैयारी चल रही है।
प्ले स्कूल के लिए लेनी होती है हर साल अलग से अनुमति
पूरे भारतवर्ष मे किसी भी शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता रखने वाला कोई भी निजी स्कूल केवल पहली से आठवीं और 9वीं से 12वीं तक ही कक्षाओं का संचालन कर सकता है। इसके अतिरिक्त प्ले स्कूल संचालन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से अनुमति लेनी अनिवार्य है। विभाग केवल एक साल की ही अनुमति देगा, जिसे हर साल दोहराना होगा।